जब रोते थे तब हसा दिया , अब हस्ते हैं तो रुला दिया
खुले क्षितिज का स्वपन दिखाकर , कैद में हमको सुला दिया।
अपना बोलूँ और इतराऊँ , अपना मानू और इठलाऊं,
अपने हो तो अपना समझूं , मैं क्यों इसको सपना समझूँ,
रे यायावर ! आकर कह दो, साँसों में क्या मिला दिया
खुले क्षितिज--------------------------------------
खुले क्षितिज का स्वपन दिखाकर , कैद में हमको सुला दिया।
अपना बोलूँ और इतराऊँ , अपना मानू और इठलाऊं,
अपने हो तो अपना समझूं , मैं क्यों इसको सपना समझूँ,
रे यायावर ! आकर कह दो, साँसों में क्या मिला दिया
खुले क्षितिज--------------------------------------
life has many ups and downs
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