Wednesday, 16 March 2016

काबा मंदिर

तेरी नगरी में आकर पीड़ा हो गई पीर
 दर्द बना है काबा मंदिर हरिद्वार हैं नीर

मिथ्या ये संसार चक्र क्या माया जाल बिछाया
मुझमें इतना साहस नहीं मेरा अंग-अंग लिपटाया
तोड़ दे पंचम कारावास मैं तेरा दिलगीर
दर्द बना है काबा मंदिर हरिद्वार हैं नीरA
 

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