Tuesday, 26 July 2016

अनुबंध

भाव हैं, शब्द नहीं
कागज़ है, कलम नहीं।
बिना भाव बंध जाए
ऐसा कोई  अनुबंध नहीं।
कहने को कविता लेकिन
जिसमें कोई छन्द नहीं।

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